शिवकल्याण राजा।। निश्र्चयाचा महामेरू, बहुतजनांसी
आधारू, अखंडस्थितीचा निर्धारू, श्रीमंत योगी ।। नरपती, हयपती, गजपती।
गडपती, भूपती, जळपती।पुरंदर आणि शक्ति पृष्ठभागी।। यशवंत, कीर्तीवंत,
सामर्थ्यवंत। वरदवंत, पुण्यवंत, नीतीवंत। जाणता राजा ।। आचरशील, विचारशील,
दानशील। धर्मशील सर्वज्ञपणे सुशील। सकळाठाई ।। शिवकल्याण राजा।। शिवकल्याण
राजा।। शिवकल्याण राजा।।
आधारू, अखंडस्थितीचा निर्धारू, श्रीमंत योगी ।। नरपती, हयपती, गजपती।
गडपती, भूपती, जळपती।पुरंदर आणि शक्ति पृष्ठभागी।। यशवंत, कीर्तीवंत,
सामर्थ्यवंत। वरदवंत, पुण्यवंत, नीतीवंत। जाणता राजा ।। आचरशील, विचारशील,
दानशील। धर्मशील सर्वज्ञपणे सुशील। सकळाठाई ।। शिवकल्याण राजा।। शिवकल्याण
राजा।। शिवकल्याण राजा।।
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